The smart Trick of Shodashi That No One is Discussing
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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
Each struggle that Tripura Sundari fought is usually a testomony to her may well and the protecting character of the divine feminine. Her legends continue to inspire devotion and they are integral for the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
Charitable acts which include donating food items and clothing to the needy also are integral for the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate facet of the divine.
सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥
ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।
देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
Shodashi सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा
देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥
सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्
सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥
The Mahavidyas, a gaggle of 10 knowledge goddesses, showcase the multifaceted character of the divine feminine. Tripura Sundari has become the ten Mahavidyas and is classed throughout the gentle natured goddesses, coupled with Bhuvaneshwari, Matangi, and Kamala.